श्रीलंका और मॉरीशस में भी चलेगा 'भारत का सिक्का', पीएम  मोदी ने UPI किया लॉन्च

 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे और मॉरीशस के प्रधान मंत्री प्रविंद जुगनौथ के साथ संयुक्त रूप से श्रीलंका और मॉरीशस में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) सेवाओं और रुपे के शुभारंभ का उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मॉरीशस में कार्ड सेवाएं भी शुरू की। मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने बताया कि सह-ब्रांडेड रुपे कार्ड को मॉरीशस में घरेलू कार्ड के रूप में नामित किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा, आज के लॉन्च से दोनों देशों के नागरिकों को काफी सुविधा होगी। श्रीलंका के राष्ट्रपति ने अयोध्या धाम में श्री राम मंदिर के अभिषेक के लिए प्रधान मंत्री को बधाई दी। उन्होंने सदियों पुराने आर्थिक संबंधों पर भी जोर दिया। राष्ट्रपति ने दोनों देशों के बीच कनेक्टिविटी की गति बनाए रखने और संबंधों को गहरा करने की उम्मीद जताई।

इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि आज तीन मित्र देशों भारत, श्रीलंका और मॉरीशस के लिए एक विशेष दिन है जब उनके ऐतिहासिक कनेक्शन आधुनिक डिजिटल कनेक्ट का रूप लेते हैं। यह लोगों के विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि फिनटेक कनेक्टिविटी सीमा पार लेनदेन और कनेक्शन को और मजबूत करेगी। प्रधान मंत्री ने कहा, “भारत का यूपीआई या यूनाइटेड पेमेंट्स इंटरफेस आज एक नई भूमिका में आया है – भारत के साथ साझेदारों को एकजुट करना।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे ने भारत में एक क्रांतिकारी बदलाव लाया है, जहां दूरदराज के गांवों में सबसे छोटे विक्रेता यूपीआई के माध्यम से लेनदेन कर रहे हैं और डिजिटल भुगतान कर रहे हैं। यूपीआई लेनदेन की सुविधा और गति के बारे में बोलते हुए उन्होंने बताया कि पिछले साल यूपीआई के माध्यम से 2 लाख करोड़ रुपए या आठ लाख करोड़ श्रीलंकाई रुए या एक लाख करोड़ मॉरीशस रुपये के 100 अरब से अधिक लेनदेन हुए। प्रधानमंत्री ने बैंक खातों, आधार और मोबाइल फोन की जीईएम ट्रिनिटी के माध्यम से सीधे लाभार्थियों के खाते में लाभ पहुंचाने का उल्लेख किया जहां 34 लाख करोड़ रुपए या 400 अरब डॉलर लाभार्थियों के बैंक खातों में स्थानांतरित किए गए हैं।

पीएम मोदी ने बताया कि कोविन प्लेटफॉर्म के साथ भारत ने दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम चलाया। उन्होंने कहा, “ प्रौद्योगिकी के उपयोग से पारदर्शिता को बढ़ावा मिल रहा है, भ्रष्टाचार कम हो रहा है और समाज में समावेशिता बढ़ रही है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की नीति ‘पड़ोसी पहले’ है। हमारी समुद्री दृष्टि सागर है यानी क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास। भारत अपने विकास को अपने पड़ोसियों से अलग करके नहीं देखता है। श्रीलंकाई राष्ट्रपति की पिछली यात्रा के दौरान अपनाए गए विज़न दस्तावेज़ का उल्लेख करते हुए, प्रधान मंत्री ने इसके प्रमुख घटक के रूप में मजबूत वित्तीय कनेक्टिविटी पर प्रकाश डाला। प्रधान मंत्री प्रविंद जुगनौथ के साथ भी, ये चर्चाएं आयोजित की गईं क्योंकि वह जी 20 शिखर सम्मेलन के दौरान विशेष अतिथि थे।

प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि यूपीआई से जुड़ने से श्रीलंका और मॉरीशस को लाभ होगा और डिजिटल परिवर्तन को बढ़ावा मिलेगा, स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं में सकारात्मक बदलाव आएगा और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा “मुझे विश्वास है कि भारतीय पर्यटक यूपीआई वाले गंतव्यों को प्राथमिकता देंगे। श्रीलंका और मॉरीशस में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों और वहां पढ़ने वाले छात्रों को भी इससे विशेष लाभ मिलेगा।”

पीएम मोदी ने इस बात पर खुशी जताई कि एशिया में नेपाल, भूटान, सिंगापुर और खाड़ी देशों के यूएई के बाद अब मॉरीशस से अफ्रीका में रुपे कार्ड लॉन्च किया जा रहा है। इससे मॉरीशस से भारत आने वाले लोगों को भी सुविधा होगी। हार्ड करेंसी खरीदने की जरूरत भी कम हो जाएगी। यूपीआई और रुपे कार्ड प्रणाली हमारी अपनी मुद्रा में वास्तविक समय, लागत प्रभावी और सुविधाजनक भुगतान सक्षम करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा “ आने वाले समय में हम सीमा पार प्रेषण यानी पर्सन टू पर्सन (पी2पी) भुगतान सुविधा की ओर बढ़ सकते हैं।” मोदी ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र के तीन मित्र देशों के लिए आज एक विशेष दिन है। अपने ऐतिहासिक संबंधों को आज हम आधुनिक डिजिटल रूप से जोड़ रहे हैं। ये हमारे लोगों के विकास के लिए हमारे कमिटमेंट का प्रमाण है।