गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार ऐतिहासिक दौरे पर भारत पहुंचे अब्देल फतह अल सीसी
New Delhi: मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी मंगलवार को नई दिल्ली पहुंचे जहां हवाई अड्डे पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। वह 74वें गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि होंगे। 24 से 27 जनवरी की आधिकारिक यात्रा पर उनके साथ पांच मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों सहित एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आया है।
गौरतलब है कि यह पहली बार है जब मिस्र के राष्ट्रपति को गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी का यह भारत दौरा अपने आप में ऐतिहासिक है। भारत और मिस्र इस वर्ष राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 वर्ष मना रहे हैं। भारत ने अपनी G20 अध्यक्षता के दौरान मिस्र को 'अतिथि देश' के रूप में भी आमंत्रित किया है।
राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी को मिस्र में सबसे प्रभावशाली नेता माना जाता है। कहा जाता है कि उथल-पुथल के बीच अल सीसी ही वह नेता हैं जिन्होंने मिस्र में राजनीतिक स्थिरता पैदा की है। राष्ट्रपति बनने से पहले सीसी मिस्र के सेना प्रमुख भी थे। उन्होंने जुलाई 2013 में राष्ट्रपति मोहम्मद मोर्सी को सत्ता से हटाया था।
राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी के दौरे के दौरान, दोनों देशें के बीच कृषि, साइबर सुरक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी सहित अन्य क्षेत्रों में आधा दर्जन समझौते होने की उम्मीद है। केंद्र सरकरा की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, अल-सीसी 24 से 26 जनवरी तक भारत यात्रा पर रहेंगे, जिस दौरान वह गणतंत्र दिवस परेड भी देखेंगे। बयान में कहा गया है कि मिस्र के राष्ट्रपति अपनी भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से विविधि विषयों पर विस्तृत चर्चा करेंगे। उनका यहां कारोबारी समुदाय के साथ संवाद करने का भी कार्यक्रम है।
बयान के अनुसार, मोदी और राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी के बीच 25 जनवरी को वार्ता के बाद दोनों देशों में कृषि, साइबर सुरक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी सहित अन्य क्षेत्रों में आधा दर्जन समझौते होने की उम्मीद है। इसके अलावा, भारत और मिस्र के बीच रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग को मजबूत बनाने के बारे में भी चर्चा होने की संभावना है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि अल-सीसी के साथ एक उच्च स्तरीय शिष्टमंडल भारत आएगा, जिसमें पांच मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।
मिस्र के राष्ट्रपति इससे पहले अक्टूबर 2015 में तीसरे भारत अफ्रीका मंच शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए भारत आए थे। इसके बाद उन्होंने सितंबर 2016 में भारत की यात्रा की थी। यह पहला मौका है, जब मिस्र के राष्ट्रपति को भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया है।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, अल-सीसी का 25 जनवरी को राष्ट्रपति भवन में पारंपरिक स्वागत किया जाएगा और उसी दिन शाम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उनके सम्मान में भोज देंगी। बयान के अनसार, मिस्र के राष्ट्रपति प्रधानमंत्री मोदी के साथ द्विपक्षीय और शिष्टमंडल स्तर की वार्ता करेंगे, जिसमें द्विपक्षीय और आपसी हितों से जुड़े क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होगी। विदेश मंत्री एय जयशंकर भी राष्ट्रपति अल-सीसी से भेंट करेंगे।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि मिस्र के राष्ट्रपति के दौरे से दोनों देशों के बीच समय की कसौटी पर खरे उतरे संबंधों को और मजबूती मिलेगी। बयान के मुताबिक, भारत और मिस्र के संबंध साझा सांस्कृतिक मूल्यों पर आधारित हैं और दोनों देश बहुस्तारीय एवं अंतरराष्ट्रीय मंचों पर करीबी रूप से सहयोग कर रहे हैं। इसमें कहा गया है कि भारत और मिस्र के बीच पिछले कुछ वर्षों में द्विपक्षीय कारोबार भी बढ़ा है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, वर्ष 2021-22 में भारत और मिस्र के बीच कारोबार ‘रिकार्ड’ 7.26 अरब डॉलर रहा। इसमें भारत से मिस्र को निर्यात 3.74 अरब डॉलर का है और मिस्र से भारत में आयात 3.52 अरब डॉलर का है। बयान में कहा गया है कि भारत की 50 से अधिक कंपनियों ने मिस्र की अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में करीब 3.15 अरब डॉलर का निवेश किया है।