Coronavirus: देश में BF.7 के मुकाबले इस वैरिएंट के मामले ज्यादा आ रहे सामने

 

कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ने कई देशों में कोहराम मचा रखा है। अब इस वायरस की एंट्री भारत में भी हो गई है। कई राज्यों में इस नए वैरिएंट के मामले सामने आ रहे हैं।

भारत में यह वायरस चार महीने पहले ही आ गया था, लेकिन इसके मामले नहीं बढ़े थे। बीएफ.7 वैरिएंट के लक्षण गंभीर नहीं हैं, लेकिन इसमें तेजी से फैलने की क्षमता है। इससे संक्रमित व्यक्ति एक साथ 18 लोगों को संक्रमित कर सकता है। हालांकि अभी भी भारत में ओमीक्रोन के XBB वैरिएंट के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं।

चीन में ओमीक्रोन बीएफ.7 तबाही मचा रहा है, लेकिन भारत में XBB वैरिएंट के मामले भी अभी भी सामने आ रहे हैं। XBB वैरिएंट बीए.2.10.1 और बीए.2.75 से मिलकर बना हुआ है। यह भारत के साथ साथ 34 अन्य देशों में भी फैला हुआ है। यह वैरिएंट ओमीक्रोन परिवार के सभी वैरिएंट की तुलना में सबसे खतरनाक है। भारत में फिल्हाल BF.7 मामले गुजरात और ओडिशा में मिले हैं। हालांकि BF.7 वैरिएंट का अपना कोई ट्रेडमार्क लक्षण नहीं है। लेकिन संक्रमित लोग ज्यादातर ऊपरी श्वसन संक्रमण का अनुभव कर रहे हैं। उन्हें बुखार, गले में खराश, नाक बहना और खांसी जैसे लक्षण महसूस हो रहे हैं। कुछ लोगों को दस्त और उल्टी जैसी पेट संबंधी समस्याएं भी हो रही हैं।

ऐसे पहचानें लक्षण

राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार ग्रुप वैक्सीनेशन के चेयरमैन डॉ. एन.के. अरोड़ा के मुताबिक, इस वैरिएंट के लक्षण भी अन्य कोविड-19 वैरिएंट की तरह ही नजर आएंगे। लेकिन अगर इस नए वैरिएंट की बात करें, तो बदन दर्द इसका मुख्य लक्षण है। अगर किसी को लंबे समय से शरीर में दर्द हो रहा है, तो उसे कोविड टेस्ट कराने की जरूरत होगी। इसके अलावा, गले में खराश, थकान, कफ और बहती नाक भी इस सब वैरिएंट के लक्षण हो सकते हैं।

डेल्टा के खत्म होने के बाद से किसी नए संस्करण का पता नहीं चला है। इसका मतलब यह हुआ कि अभी जो लक्षण मिल रहे हैं, वो ओमीक्रोन वाले ही हैं। हालांकि भारत में XBB का वैरिएंट का दबदबा है। अधिकांश लोग अभी इसकी चपेट में हैं। इसमें लोगों को बुखार, नाक बहना, थकान, शरीर में दर्द, सिरदर्द, गले में खराश, सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण दिख रहे हैं।
बीएफ.7 अमेरिका, ब्रिटेन, बेल्जियम, जर्मनी, फ्रांस और डेनमार्क सहित दुनियाभर के कई अन्य देशों में पाया गया है, लेकिन यह जरूरी नहीं कि चीन के अलावा अन्य देशों में भी उतना ही खतरनाक साबित हो। भारत में भी अभी इसके मामले कम ही दिखने को मिल रहे हैं। जबकि ओमीक्रोन वैरिएंट के ही सब वेरिएंट XBB के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं। राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार ग्रुप वैक्सीनेशन के चेयरमैन डॉ. एन.के. अरोड़ा के अनुसार, देशभर में यह स्ट्रेन है और जो भी कोविड के मरीज मिल रहे हैं, उनमें से 40 से 50 फीसदी में XBB का ही संक्रमण मिल रहा है। इसे डेल्टा वैरिएंट से भी 5 गुना ज्यादा घातक बताया गया है। इस सब वैरिएंट की पहचान सबसे पहले सिंगापुर और अमेरिका में की गई थी।

चीन, जापान के साथ अमेरिका और यूरोप के कुछ देशों में जिस तरह से कोविड के मामले तेजी से बढ़े हैं, उसे देखते हुए भारत के लिए जनवरी का महीना काफी अहम होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि 30 से 40 दिनों तक लोगों को बहुत सतर्कता बरतनी होगी। मास्क पहनने समेत कोविड से बचाव के सभी नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। कोविड की पिछली लहरों का ट्रेंड देखें, तो चीन, जापान, कोरिया में केस बढ़ने के 10 दिन बाद यूरोप और उसके बाद अमेरिका, लैटिन अमेरिका के देशों में केस बढ़ते हैं। फिर भारत में भी मामलों में इजाफा होता है। अगर इस बार भी ऐसा ही ट्रेंड रहा, तो जनवरी में देश में कोरोना के केस बढ़ सकते हैं, लेकिन अस्पताल में भर्ती होने की दर कम ही रहेगी।