Covid-19 Vaccine: पहली ओमिक्रॉन-स्पेसिफिक बूस्टर वैक्सीन हुई लॉन्च

 

केंद्र सरकार ने शनिवार को कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट के लिए बूस्टर वैक्सीन को लॉन्च कर दिया है. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने जेनोवा की ओर से स्वदेशी प्लेटफॉर्म टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके बनाई गई स्पेसिफिक बूस्टर वैक्सीन जेमकोवैक-ओएम को लॉन्च किया है.

साइंस एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री का कहना है कि भारत की पहली एमआरएनए वैक्सीन (mRNA Vaccine) डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी (डीबीटी) और जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी) के फंडिंग सपोर्ट के साथ विकसित की गई है.

वैक्सीन को हाल ही में इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए ड्रग कंट्रोल जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से मंजूरी मिल गई थी. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने अपने बयान में कहा है कि उन्हें इस बात पर बहुत गर्व हो रहा कि डीबीटी एक बार फिर अपने मिशन को पूरा कर रहा है. उन्होंने हमेशा प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भरता के दृष्टिकोण के अनुरूप ‘भविष्य के लिए तैयार’ टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म के निर्माण की दिशा में टेक्नोलॉजी-ड्रिविन इनोवेशन का सपोर्ट किया है

जेमोवैक-ओएम भारतीय कोविड-19 वैक्सीन के त्वरित विकास के लिए आत्मनिर्भर भारत 3.0 पैकेज के तहत डीबीटी और बीआईआरएसी की ओर से लागू मिशन कोविड सुरक्षा के सपोर्ट से विकसित पांचवां टीका है. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह का कहना है कि इसके लागू होने के एक साल के भीतर मिशन कोविड सुरक्षा ने बड़ी उपलब्धियां हासिल की है. इसमें पहला COVID-19 के लिए दुनिया की पहली डीएनए वैक्सीन का विकास, दूसरा देश की पहली एमआरएनए वैक्सीन व इंट्रानैजल वैक्सीन और कोविड-19 के खिलाफ एक सबयूनिट वैक्सीन को बनाने के लिए सपोर्ट करना शामिल है.

उनका कहना है कि इस ‘भविष्य के लिए तैयार’ टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कम समय के भीतर अन्य वैक्सीन बनाने के लिए किया जा सकता है. सरकार की ओर से किए गए स्थिर निवेश ने एक मजबूत एंटरप्रेन्योरशिप के साथ-साथ स्टार्टअप इकोसिस्टम बनाया है. इसकी वजह से कोरोना महामारी के खिलाफ रिस्पॉन्स को सरल सुविधाजनक बनाया है. GEMCOVAC-OM एक थर्मोस्टेबल वैक्सीन है और इसे अन्य अप्रूव्ड एमआरएनए-आधारित वैक्सीन के लिए उपयोग किए जाने वाले अल्ट्रा-कोल्ड चेन इंफ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता नहीं होती है.