Karnataka News: नाइट शिफ्ट में कारखानों में महिलाएं कर सकेंगी काम, विधानसभा में विधेयक पास, चार दिन 12 घंटे काम करने पर तीन दिन की छुट्टी

 

Bengaluru: कर्नाटक विधानसभा ने बुधवार को एक विधेयक पारित किया जिसके बाद महिलाएं अब कारखानों में रात की शिफ्ट में काम कर सकेंगी। इसके अलावा, कानून और संसदीय मामलों के मंत्री जेसी मधुस्वामी के अनुसार लगातार चार दिनों तक दिन में 12 घंटे काम करने वाले कर्मचारी सप्ताह में तीन दिन की छुट्टी ले सकते हैं। जेसी मधुस्वामी की ओर से पेश किए गए कारखाना (कर्नाटक संशोधन) विधेयक को बिना किसी चर्चा के पारित किया गया। यह बिल अब विधान परिषद में भेजा जाएगा।

विधानसभा में बिल पेश करते हुए मंत्री जेसी मधुस्वामी ने कहा, 'महिलाओं के लिए काम के घंटों की सीमाएं थीं। सरकार पर सॉफ्टवेयर उद्योग सहित हर जगह से इस नियम में ढील देने का बहुत दबाव था। यहां तक ​​कि हाई कोर्ट ने भी निर्देश दिया है कि अनुच्छेद 14 के तहत सभी को समान अवसर प्रदान किया जाना चाहिए।'

इससे पहले 2020 में कर्नाटक सरकार ने महिलाओं को होटल, रेस्तरां, कैफे, थिएटर और ऐसी अन्य दुकानों और प्रतिष्ठानों में रात की पाली में काम करने की अनुमति दी थी।

विधेयक में दैनिक काम के घंटे 9 से बढ़ाकर 12 करने की भी अनुमति दी गई है। हालांकि, यह सप्ताह में 48 घंटे से अधिक नहीं हो सकता है। विधेयक के अनुसार, 'नया प्रस्ताव अधिक आर्थिक गतिविधियों और रोजगार के अवसर पैदा करेगा।'

मंत्री जेसी मधुस्वामी ने कहा, 'हम काम के घंटों को प्रति दिन 12 घंटे तक बढ़ा रहे हैं। जो लोग चार दिनों तक लगातार 12 घंटे काम करते हैं, सप्ताह में 48 घंटे से अधिक नहीं, वे इसके बाद तीन दिनों का अंतराल ले सकते हैं।'

विधेयक के अनुसार महिलाएं शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे के बीच काम कर सकती हैं, बशर्ते नियोक्ता सुरक्षा के व्यापक इंतजाम रखें। बिल में कहा गया है, 'यौन उत्पीड़न के कृत्यों को रोकने की जिम्मेदारी कार्यस्थल पर नियोक्ता या अन्य जिम्मेदार व्यक्तियों की होगी।'

विधेयक के अनुसार नियोक्ताओं के लिए जरूरी होगा कि रात की पाली के दौरान घर से लाने और वापस महिला श्रमिकों को उनके घर छो़ड़ने के लिए परिवहन सुविधा उपलब्ध हो। इस काम में इस्तेमाल होने वाली प्रत्येक गाड़ी सीसीटीवी और जीपीएस से लैस होनी चाहिए। विधेयक में कहा गया है कि नियोक्ताओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि महिलाओं के लिए 'उपयुक्त कामकाजी परिस्थितियां' हैं।

बिल के अनुसार नाइट शिफ्ट के लिए महिला कर्मचारियों को कम से कम दस के बैच में नियुक्त किया जाना चाहिए। यह भी कहा गया है कि कारखानों में लाइट की उचित व्यवस्था और सीसीटीवी लगा होना चाहिए, जिनकी फुटेज को कम से कम 45 दिनों के लिए संग्रहित जरूर की जानी चाहिए।