यस बैंक केस में सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को दिया बड़ा झटका, समझा दिया यह जरूरी नियम
Yes Bank Case: यस बैंक केस में सुप्रीम कोर्ट ने कपिल वधावन और उनके भाई को राहत देते हुए ईडी को बड़ा झटका दिया है. यस बैंक लोन घोटाले के मामले में DHFL के पूर्व प्रमोटर कपिल वधावन और उनके भाई धीरज वधावन को जमानत मिली थी जिसे रद्द करने के लिए ईडी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाया खटखटाया था.
एचसी ने ईडी की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि अगर रिमांड के 61वें/91वें दिन तक चार्जशीट दाखिल नहीं की जाती है, तो एक आरोपी जमानत का हकदार हो जाता है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर रिमांड तीन जजों की बेंच कानून को स्पष्ट करती है.
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत के आधार पर दर्ज रिपोर्ट के अनुसार, डीएचएफएल और उसके तत्कालीन अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) कपिल वधावन, तत्कालीन निदेशक धीरज वधावन और अन्य आरोपियों ने कथित तौर पर आपराधिक साजिश के तहत यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की अगुवाई वाले 17 बैंकों के समूह के साथ धोखाधड़ी की.
डीएचएफएल ने साल 2007 से 2017 के बीच 87 उन फर्जी कंपनियां को करीब 12 हजार करोड़ रुपये जारी कर भुगतान किया था, ये कंपनियां वास्तव में कोई कारोबार नहीं करती थी. यही नहीं पैसों को डाइवर्ट करने के लिए फर्जी तरीके से वर्चुअल ब्रांच भी बनाए गए थे. यही नहीं पैसों को इधर से उधर करने के लिए करीब 2.6 लाख फेक कर्जदार भी बनाए गए थे. फर्जीवाड़े में फर्जी कंपनियों के जरिए बैंकों से धन लिया जाता था और इस पैसे को आरोपी मनी लेयरिंग के जरिए अपनी कंपनियों तक पहुंचाते थे. इस तरह आरोपियों ने करोड़ों रुपए निकालकर एक बड़ा घोटाला किया.

