कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दवाओं की कीमतें बढ़ने पर केंद्र सरकार को घेरा, बोले- सरकार गरीबों पर डाल रही है महंगाई का बोझ
Delhi: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा हाल में पारित किये गये बजट पर भारी तंज कसते हुए कहा है कि देश को चला रही अक्षम सरकार गरीबों पर महंगाई का बोझ डाल रही है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार तानाशाही के बल पर गरीबों को निशाना बना रही है और उन पर अनावश्यक वित्तीय बोझ डाल रही है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार दंभ में चूर है और इसी का नतीजा है कि उसने आम जनता और विपक्षी दलों से संवाद को पूरी तरह से बंद कर दिया है। सरकार ने एक नहीं कई ऐसे फैसले लिये हैं, जिनसे पता चलता है कि वो जनता की मनोदशा को सोचे-समझे बिना या विपक्षी दलों से परामर्श किए बिना एकतरफा फैसले लेती है। जिसका सीधा असर आम जनता की जेब से है।
इसके साथ ही राहुल गांधी ने केंद्र सरकार द्वारा किसी भी गंभीर विषय या विपक्ष द्वारा उठाये जाने वाले संदेह के विषय में नकारात्मक रवैया रहता है, जबकि पहले की सरकारें विपक्ष की मांग पर विभिन्न मुद्दों को संसदीय जांच समिति के पास भेजती थीं लेकिन मौजूदा दौर में संसदीय जांच तो अतीत की बात हो गई है।
मानहानि केस में संसद सदस्यता गंवाने और अडानी मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने के बाद राहुल गांधी ने मोदी सरकार द्वारा संसद से पास किये ताजा बजट के बाद बढ़ती कीमतों पर यह पहली टिप्पणी की है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, "महंगाई आज के भारत की सबसे जटिल समस्याओं में से एक है और इसे काबू में करने की जिम्मेदारी भारत के इतिहास की सबसे अक्षम सरकार पर है। इस साल दवा की कीमतों में चुपचाप 11 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी गई है। एक तरफ गरीबी लगातार बढ़ रही है और दूसरी ओर स्वास्थ्य सेवाओं के साथ-साथ शिक्षा की लागत आसमान छू रही है। दुखद यह है कि स्वास्थ्य और शिक्षा हर गरीब और सामान्य नागरिक के लिए सबसे जरूरी खर्चे में शामिल हैं और यह आम लोगों के जीवन की अभिन्न जरूरत है।"
राहुल गांधी ने आगे कहा, "स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी जरूरत के मुद्दे पर भी सरकार जनता को राहत देने के लिए तैयार नहीं है, जबकि सरकार को धीरे-धीरे इन सेवाओं को मुफ्त करना चाहिए। लेकन इसके उलट सरकार स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा को महंगा बना रही है।"
उन्होंने जोर देकर कहा, "मैं कतई गलत नहीं कहता हूं कि नरेंद्र मोदी सरकार 'जेब-कतरी सरकार' है। यह देश की गरीब जनता की जेब काट रही है लेकिन इस पर कहीं बहस नहीं हो रही है। न तो टीवी चैनल पर और न तो सरकार की घोषणाओं में। चर्चा सांप्रदायिक मुद्दे पर हो रही है, फेक नरेटिव पर हो रही है। देश के गरीबों पर कोई बहस नहीं होती है।