मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को मिलकर अपने गुमसुदगी के बारे में बताना चाहता हूँ - फ़िल्म निर्देशक सनोज मिश्रा .!

|
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को मिलकर अपने गुमसुदगी के बारे में बताना चाहता हूँ - फ़िल्म निर्देशक सनोज मिश्रा .!
Lucknow 25 August- लखनऊ के प्रेस क्लब में आज फिल्म निर्देशक सनोज मिश्रा ने एक प्रेस मीट में मीडिया को बताया की पिछले 14 अगस्त 2014  कोलकाता से गायब हुए द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल के निर्देशक सनोज मिश्रा गत दिनों बनारस के अस्सी घाट पर अस्त व्यस्त हालात में मिले थे। अब मिलने के बाद उन्होंने सिर्फ मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी महाराज को मिलकर घटना के बारे में बताने की बात कह रहे हैं। 14 अगस्त से ही गायब होने और 48 घंटों तक उनसे किसी भी प्रकार से सम्पर्क नहीं होने की सूरत में लखनऊ में उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाने गई उनकी पत्नी द्युति मिश्रा को गोमती नगर विस्तार थाने ने बगैर रिपोर्ट लिखे लौटा दिया था,  लेकिन उन्होंने मामले की गंभीरता को लेकर  सनोज के गायब होने की रिपोर्ट पर नजर बनाए रखा था। अब उस मामले में कुछ जानकारियां सामने निकलकर आ रही हैं तो कुछ मामलों को लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है । मसलन सनोज मिश्रा के साथ क्या कोई हादसा हुआ है जो वे मुख्यमंत्री जी से मिलकर उसके बारे में बताना चाहते हैं ? क्या किसी ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी है ? इसी तरह के कई अनुत्तरित सवाल हैं जिनका जवाब मिलना अभी बाकी है , लेकिन जो कहानी सनोज मिश्रा के गायब होने से सम्बंधित निकलकर सामने आ रही है वो वाक़ई में काफी चिंताजनक है । सनोज मिश्रा के परिवार के हवाले से मिली खबरों के मुताबिक उन्होंने जब से फ़िल्म द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल बनाई है तभी के बाद से ही लगातार उन्हें कोलकाता पुलिस द्वारा परेशान किया जा रहा है । दरअसल सनोज कहते हैं कि काफी रिसर्च और अनुसंधान के बाद ग्राउंड जीरो पर जाकर हालातों का गम्भीरता से आंकलन करके उन्होंने इस फ़िल्म की बुनियाद रखी थी। कहानी को लेकर निर्माता ने उन्हें आगे बढ़ने की बात कही और तब इनलोगों ने फ़िल्म के काम को आगे बढाया। फ़िल्म जब बनकर तैयार हो गई और पहली बार इस फ़िल्म का ट्रेलर आया तब से सनोज मिश्रा को टारगेट करके उनके मुम्बई आवास पर पश्चिम बंगाल पुलिस ने नोटिस भेजना शुरू कर दिया। लोग कहते हैं कि देश मे अभिव्यक्ति की आज़ादी है लेकिन वो आज़ादी एकतरफा क्यों है यह समझ मे तब आया जब लगातार सनोज मिश्रा के आवास पर कोलकाता पुलिस के नोटिस आने लगे और इन्हें फोन पर धमकाया जाने लगा। कोई पुलिसवाला बनकर धमकाता तो कोई अपने आप को धर्म विशेष का बताकर इन्हें फ़िल्म ना रिलीज करने और छुप जाने की बात करने लगता । परेशान होकर सनोज ने अपनी दास्तान अपने फ़िल्म निर्माताओं के समक्ष रखी तो इनलोगों ने भी समस्या का मिलजुलकर समाधान करने की बात कही । सबने मिलकर सनोज को मुम्बई छोड़कर लखनऊ में शिफ्ट होने की बात कही । फिर सनोज अपना बना बनाया कैरियर और कारोबार छोड़कर सिर्फ इस फ़िल्म के लिए और अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर लखनऊ में शिफ्ट हो गए। फिर भी इनकी परेशानियां कम नहीं हुई । उनको यहां पर भी पश्चिम बंगाल पुलिस से लगातार थ्रेट आते रहे और इसी चक्कर मे फ़िल्म रीलीजिंग में होती देरी के कारण परेशानी में अपनी जमा पूंजी भी गंवा चुके हैं। और अभी उनके ऊपर काफी सारे कर्जे हो गए हैं। आख़िर में सनोज मिश्रा ने 14 अगस्त को कोलकाता जाकर पश्चिम बंगाल पुलिस के जाँच अधिकारी से मिलने का निर्णय लिया और उसी दिन लखनऊ से फ्लाइट लेकर वे कोलकाता पहुंचे , वहां पहुंचकर उन्होंने अपने कानूनी सलाहकार शांतनु सिन्हा से बात किया तो इन्हें कोलकाता उच्च न्यायालय में एक फ्रेश पिटीशन दायर कर यह कहने को कहा गया कि सेंसर बोर्ड ने फ़िल्म को आगामी 30 अगस्त को रिलीज करने का आदेश दे ही दिया है , जब उसमें कोई कॉन्ट्रोवर्शियल मैटर होता तो इन्हें सेंसर बोर्ड से फ़िल्म रिलीज करने का आदेश कहाँ से मिलता । कोलकाता पहुंचने के साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से इस दौरान सनोज ने अपना मोबाइल बन्द कर लिया था। और अगले दिन 15 अगस्त को स्वतन्त्रता दिवस होने के कारण सबकुछ बन्द था , तो सनोज ने उसदिन माँ काली की दर्शन का निर्णय लिया । और 16 अगस्त को कोर्ट के खुलने का इंतज़ार करने लगे । 15 अगस्त को जब तक वे मां काली के मंदिर पर पहुंचे तब तक मंदिर के कपाट बंद हो चुके थे और शाम 4 बजे तक खुलने की बात बताई गई ।
सनोज मिश्रा ने लगभग 3.30 बजे अपने मोबाइल को खोलकर अपने मुम्बई के कानूनी सलाहकारों को फोन कर सम्पर्क किया और फिर उसी के कुछ समय बाद ही उनको अपने आसपास कुछ संदिग्ध लोग दिखाई देने लगे जो लगा कि सनोज को ही ढूंढ़ने के इरादे से उधर आये हैं। शायद मोबाइल के खुलने के कारण से उनको ट्रैक किया जा रहा था और थोड़ी देर में उन संदिग्धों की बढ़ती संख्या देखकर सनोज को अनहोनी की आशंका हुई और उन्होंने वहाँ से बिना दर्शन किये हुए ही निकल जाने का निर्णय लिया। सनोज को फिर भी अंदेशा हुआ कि कोई संदिग्ध उनका पीछा कर रहा है तो उन्होंने अपने दोनों मोबाइल को ध्यान बटांकर कचड़े के डब्बे में फेंक कर हावड़ा स्टेशन की तरफ निकल गए । इसी बीच किसी तरह से बचते छुपते हुए समय का ध्यान ही नहीं रहा और वे पैदल चलते गए।
अब वे हावड़ा स्टेशन की तरफ चले जा रहे थे क्योंकि अनहोनी की आशंका को मद्देनजर रखते हुए जो भी ट्रेन मिल जाती उससे निकल जाने का निर्णय ले लिया था। अब सनोज कोलकाता में रुकना मतलब अपने जान को जोखिम में डालना समझ चुके थे । इस बात को ध्यान में रखते हुए वहाँ से उन्होंने दून एक्सप्रेस पकड़कर निकल जाने का निर्णय लिया। वे उसी दून एक्सप्रेस से होकर हरिद्वार जा रहे थे तभी मन मे कुछ ख्याल आने पर बनारस में रुककर महादेव की शरणागत होने का निर्णय लिया । और वहीं पर काशी में अस्सी घाट पर भिखारियों के बीच खुली हवा में निवास करने लगे। सम्पर्क का कोई साधन नहीं होने के कारण वे बाकी दुनिया सहित अपने परिवार से भी संपर्क नहीं कर पा रहे थे।
इधर इनके गायब होने और किसी भी प्रकार से सम्पर्क नहीं होने के कारण सनोज मिश्रा की पत्नी और परिवार की हालत काफी खराब थी और उन्होंने सनोज की वापसी के लिए उनके अभिनेता सांसद मित्र रवि किशन सहित देशभर के तमाम लोगों से सनोज को ढूंढने में मदद करने की अपील की। द्युति मिश्रा की अपील पर किसी और ने तो नहीं बल्कि हिमाचल प्रदेश से लोकसभा सांसद सह अभिनेत्री सुश्री कंगना रनौत ने गृह मंत्रालय के सहयोग से सनोज मिश्रा को कोलकाता में ढूंढ़ने की पहल शुरू कर दिया , और इस सिलसिले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी सम्पर्क की कोशिश हो रही थी। सबसे अपील करने के बाद द्युति मिश्रा ने अब स्वयं से सनोज मिश्रा को ढूंढ़ने के लिए कोलकाता जाने का निर्णय लिया और वे खुद लखनऊ से ट्रेन पकड़कर कोलकाता के लिए निकल पड़ी। उनके सहयोग के लिए लखनऊ के गोमती नगर विस्तार थाने ने भी अपनी एक टीम लगा दिया था ताकि इनके ऊपर किसी भी प्रकार की हानि न हो सके और सनोज को खोजने में तकनीकी मदद आसानी से मिल सके। जब इनलोगों की रेलगाड़ी बिहार के मुजफ्फरपुर में पहुंची तभी द्युति मिश्रा के फेसबुक पर एक अनजान शख्स का मैसेज आया कि सनोज मिश्रा को बनारस के अस्सी घाट पर देखा गया है। फिर द्युति मिश्रा ने सबूत कन्फर्म करने के बाद अपने साथ यात्रा कर रहे पुलिस वालों और सहयोगियों से से बात करके वापस बनारस लौटने का निर्णय लिया। वहां आने के साथ ही बनारस पुलिस और सबके सहयोग से स्थानीय प्रशासन ने सनोज मिश्रा को अस्सी घाट से बरामद कर द्युति मिश्रा के हवाले कर दिया। वहां पर मानसिक हालत ठीक नहीं होने के बावजूद द्युति मिश्रा सनोज को लेकर लखनऊ आईं और वहां पर राजधानी अस्पताल में दो दिनों तक इलाज कराकर वापस घर ले गईं। इस पूरे प्रकरण में द्युति मिश्रा ने कंगना रनौत, भारतीय गृह मंत्रालय और लखनऊ पुलिस का धन्यवाद किया और आभार प्रकट कर कहा कि इन लोगों के सहयोग के बगैर सनोज की सकुशल वापसी संभव नहीं थी । इधर अपने गायब होने और बनारस से मिलने के बीच की घटनाक्रम के बारे में सनोज मिश्रा ने कहा कि ये अभी कुछ अधूरी बातें हैं, वे विस्तार से कुछ बातें सबके सामने नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी महराज से मिलकर बताना चाहते हैं । मामले में अब सबकी निगाहें मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ टिकी हुई है क्योंकि सनोज मिश्रा ने मुख्यमंत्री जी से मिलने के लिए समय मांगा है। प्रचारक संजय भूषण पटियाला है।

Tags

Share this story

featured

Trending