अमेरिकी संसद ने राष्ट्रपति चुनाव में ट्रम्प की जीत पर लगाई मुहर, कमला हैरिस ने की बैठक की अध्यक्षता
Washington: अमेरिकी संसद ने औपचारिक रूप से राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की जीत पर मुहर लगा दी है। पिछले साल नवंबर महीने में हुए चुनाव में ट्रंप ने डेमोक्रेटिक उम्मीदवार उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को हराया था। सोमवार को संसद ने ट्रंप की जीत की पुष्टि कर दी। इससे 20 जनवरी को उनके शपथ ग्रहण का रास्ता साफ हो गया है। यह उनका दूसरा कार्यकाल होगा।
प्रतिनिधि सभा और सीनेट की संक्षिप्त और औपचारिक बैठक के दौरान 50 राज्यों और डिस्टि्रक्ट आफ कोलंबिया में हुए चुनाव के परिणाम की पुष्टि की गई। बैठक की अध्यक्षता उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने की, जो सीनेट अध्यक्ष के रूप में अपनी भूमिका निभा रही थीं। यह बैठक चार साल पहले की रस्म से पूरी तरह अलग थी, जब ट्रंप समर्थकों की भीड़ ने जो बाइडन के हाथों उनकी हार का प्रमाणीकरण रोकने के असफल प्रयास में कैपिटल पर धावा बोल दिया था।
उपद्रव करने वालों को माफ करेंगे ट्रंप
यह कार्यक्रम इस असाधारण तथ्य का गवाह बना कि जिस उम्मीदवार ने पिछले चुनाव को पलटने की कोशिश की थी, वह इस बार जीत गया और वैध रूप से सत्ता में लौट रहा है। डोनाल्ड ट्रंप छह जनवरी, 2021 को कैपिटल हिल यानी संसद परिसर में उपद्रव करने वाले लोगों को माफ कर सकते हैं। ट्रंप समर्थकों ने संसद पर उस समय धावा बोला था, जब सदन में जो बाइडन की जीत पर मुहर लगाने की औपचारिकता पूरी की जा रही थी।
1500 से ज्यादा लोगों को किया जाएगा माफ
2020 के राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप को बाइडन के हाथों हार का सामना पड़ा था। खबर के अनुसार कार्यकाल के पहले दिन अपने समर्थकों को राहत देने का वादा किया है। इस बीच, निवर्तमान राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि अमेरिकियों को कैपिटल हमले को भूलना नहीं चाहिए।
उन्होंने वॉशिंगटन पोस्ट में रविवार को प्रकाशित एक लेख में कहा, ‘हमें इस बात पर गर्व करना चाहिए कि हमारा लोकतंत्र इस हमले का सामना कर सका और इस बात पर गर्व करना चाहिए कि हम इस तरह का शर्मनाक हमला इस वर्ष फिर नहीं देखेंगे।’बता दें कि 2020 के चुनाव नतीजों को ट्रंप ने इनकार कर दिया था और नतीजों का पलटने का आह्वान किया था।
अमेरिका को दहलाने वाली इस घटना के संबंध में देशभर में 1500 ज्यादा लोगों को आरोपित किया गया था। एक हजार से ज्यादा उपद्रवियों को सजा भी मिल चुकी है, जबकि दर्जनों मामले कोर्ट में चल रहे हैं।