मोदी सरकार ने बनाया NLMC, जो 3 साल में 6 लाख करोड़ रुपये खजाने में लाएगा

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मोदी सरकार ने बनाया NLMC, जो 3 साल में 6 लाख करोड़ रुपये खजाने में लाएगा

नई दिल्ली. भारत सरकार सरकारी कंपनियों और उपक्रमों की बेकार पड़ी जमीनों तथा संपत्तियों को बेचकर सरकारी खजाना भरेगी. इसके लिए बुधवार, 9 मार्च को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बाकायदा एक निगम के गठन को मंजूरी दी है.

इसका नाम राष्ट्रीय भूमि मौद्रीकरण निगम (NLMC) रखा गया है. सरकार ने एनएलएमसी के गठन के लिए 5,000 करोड़ रुपये की प्रारंभिक अधिकृत शेयर पूंजी (Authorised Share Capital) और 150 करोड़ रुपये की चुकता शेयर पूंजी (Paid-Up Share Capital) भी आवंटित कर दी है. इस निगम पर 100% मालिकाना सरकार का होगा.

बताते चलें कि केंद्र सरकार ने 2022 के सालाना बजट (Budget-2022) से पहले पेश आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) एनएलएमसी से जुड़ी योजना का खाका पेश किया था. इसमें बताया गया था कि सरकार की बेकार जमीनों और संपत्तियों को बेचकर या उन्हें पट्‌टे पर देकर 2024-25 तक 6 लाख करोड़ रुपये की पूंजी हासिल की जा सकती है. यह पैसा विभिन्न विकास योजनाओं को गति देने और सरकार के ऊपर से आर्थिक बोझ कम करने के लिहाज से काफी मददगार होगा. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए स्पेशल परपज व्हीकल (SPV) गठित करने की भी घोषणा की थी. एनएलएमसी (NLMC) उसी रूप में सामने आया है. इसमें एक मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) होंगे. उनके साथ तकनीकी टीम होगी. यह चिह्नित जमीनों, संपत्तियों का आकलन, मूल्यांकन करेगी. फिर उन्हें अच्छे से अच्छे दामों पर बेचना या पट्‌टे पर दिया जाना सुनिश्चित करेगी. इस प्रक्रिया से जुड़ी कानूनी सहित सभी औपचारिकताएं यही टीम देखेगी.

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