प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मतुआ समुदाय के आध्यात्मिक गुरु हरिचंद ठाकुर को दी श्रद्धांजलि, बोले- हिंसा और अराजकता का विरोध करना हमारा कर्तव्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को मतुआ समुदाय के आध्यात्मिक गुरु श्री श्री हरिचंद ठाकुर की जंयती के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.
इस दौरान उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में जब भाषा और क्षेत्र के आधार पर समाज को बांटने के प्रयास किये जा रहे हैं तब श्री श्री हरिचंद ठाकुर (Sri Sri Harichand Thakur) की शिक्षाएं एवं सिद्धांत काफी महत्वपूर्ण हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेना लोकतांत्रिक अधिकार है लेकिन राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ धमकी तथा हिंसा का इस्तेमाल करना ''लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन'' है.
मतुआ एक पिछड़ा हिंदू समुदाय है, जिसका एक वर्ग नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू करने की मांग कर रहा है. मोदी ने पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में ठाकुरनगर के मतुआ धर्म महा मेला को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए कहा, ''श्री श्री हरिचंद ठाकुर की शिक्षाएं ऐसे वक्त में और महत्वपूर्ण हो जाती हैं, जब हम स्वहित के कारण हिंसा और भाषा एवं क्षेत्र के आधार पर समाज को विभाजित करने के प्रयास किये जाते देखते हैं.''
Delighted to address Matua Dharma Maha Mela 2022 on the Jayanti of Sri Sri Harichand Thakur Ji. https://t.co/UrxHjlMh8L
— Narendra Modi (@narendramodi) March 29, 2022
हिंसा-अराजकता का विरोध करना हमारा कर्तव्य
उन्होंने कहा कि हर किसी को समाज में कहीं भी हिंसा, अराजकता की मानसिकता का विरोध करना चाहिए. राजनीतिक विश्लेषक इस बयान को हाल में बीरभूम में हुई हत्याओं और पश्चिम बंगाल में हमले की अन्य घटनाओं से जोड़कर देख रहे हैं. प्रधानमंत्री ने कहा, ''राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेना हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है. लेकिन राजनीतिक विरोध के कारण अगर कोई किसी को हिंसा से डराता है, तो यह दूसरे के अधिकारों का उल्लंघन है. इसलिए समाज में कहीं भी हिंसा और अराजकता की मानसिकता का विरोध करना हमारा कर्तव्य है.''
भ्रष्टाचार खत्म करने का किया आह्वान
मोदी ने मतुआ समुदाय से समाज में हर स्तर पर भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए जागरूकता फैलाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा, ''आज मैं मतुआ समुदाय के सभी सदस्यों से यह अनुरोध करना चाहूंगा कि व्यवस्था से भ्रष्टाचार हटाने के लिए हम सभी को समाज में जागरूकता बढ़ानी होगी. अगर कोई कहीं भी प्रताड़ित होता है तो वहां निश्चित तौर पर अपनी आवाज उठाएं. यह राष्ट्र के साथ -साथ समाज के प्रति भी हमारा कर्तव्य है.''