भारत में रॉकेट लॉन्चर सहित आधुनिक हथियार बनाएगी कंपनी साब, 2024 से शुरू होगा प्रोडक्शन

भारत में रॉकेट लॉन्चर सहित आधुनिक हथियार बनाएगी कंपनी साब, 2024 से शुरू होगा प्रोडक्शन

स्वीडन की डिफेंस प्रोडक्ट कंपनी साब भारत में हथियार बनाएगी. एक रिपोर्ट के मुताबिक, साब इसके लिए भारत में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाएगी जहां कार्ल-गुस्ताफ एम4 वेपन सिस्टम बनाए जाएंगे.

रिपोर्ट के अनुसार एक आला अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी. साब आने वाले समय में तेजी से अपना प्रोडक्शन बढ़ाना चाहती है. इस दिशा में उसने अपना काम भारत में शुरू करने का निर्णय लिया है. यह कंपनी भारत में कार्ल-गुस्ताफ एम4 वेपन सिस्टम का निर्माण करेगी. भारतीय सेना को यह कंपनी पहले से हथियार मुहैया कराती रही है, लेकिन भारत में ही इसका प्रोडक्शन भी शुरू किया जाएगा.

साब के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट गॉर्जेन जोहानसन ने एक रिपोर्ट में बताया कि भारत में शुरू होने वाली कंपनी 2024 में अपना प्रोडक्शन शुरू कर देगी. हालांकि जोहानसन ने इस बात की डिटेल में जानकारी नहीं दी कि साब भारत में वेपन सिस्टम बनाने पर कितने रुपये का निवेश करेगी. साब ने अभी इस बात का खुलासा नहीं किया है कि हथियार बनाने की कंपनी भारत के किस जगह पर खोली जाएगी.

कार्ल गुस्ताफ एम4 वेपन सिस्टम

रिपोर्ट में कहा गया है, साब की नई कंपनी साब एफएफवी इंडिया भारत में आर्म्ड फोर्सेस के लिए लेटेस्ट रॉकेट लॉन्चर बनाएगी. साथ ही दुनिया के अन्य देशों के लिए भी कंपोनेंट सिस्टम बनाया जाएगा. भारत में बनने वाली नई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्वीडन से बाहर पहला स्थान होगा जहां कार्ल-गुस्ताफ ए4 वेपन सिस्टम बनाए जाएंगे. रिपोर्ट के मुताबिक साब सेना के साथ इस मसले पर बात कर रही है ताकि प्रस्ताव को आगे बढ़ाया जा सके. कार्ल गुस्ताफ वेपन सिस्टम का भारत की सेना में 1976 से इस्तेमाल हो रहा है. इसके दो वेरिएंट एम2 और एम3 के लिए भारत में प्रोड्यूस लाइसेंस मिला हुआ है.

एफडीआई के जरिये निवेश

साब का कहना है कि उसका भारतीय सेना के साथ वर्षों का नाता रहा है. इसलिए यह जाहिर सी बात है कि भारत में कार्ल गुस्ताफ एम4 निर्माण की सुविधा शुरू की जाए. कंपनी ने कहा कि उसे खुशी होगी अगर भारत सरकार के लक्ष्यों के मुताबिक उसे अपना काम करने का मौका मिलेगा. भारतीय सेना को वर्ल्ड क्लास डिफेंस सिस्टम मुहैया कराने का मौका मिलेगा. भारत में नया वेंचर लगाने के लिए कंपनी 100 परसेंट एफडीआई रूट का सहारा लेगी. लेकिन भारत सरकार 100 परसेंट एफडीआई की इजाजत नहीं देगी तो कंपनी 74 परसेंट की मांग रखेगी. भारत सरकार कुछ ही मामलों में डिफेंस सेक्टर में 100 परसेंट एफडीआई की अनुमति देती है.

हथियारों के निर्माण पर सरकार का ध्यान

मोदी सरकार ने हाल के वर्षों में कई कदम उठाए हैं जिससे रक्षा क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर बन सके. इसके लिए डिफेंस प्रोक्योरमेंट के लिए नई नीतियां बनाई गई हैं. पुरानी नीतियों को आसान किया गया है ताकि इस सेक्टर में तेजी से एफडीआई बढ़े और देसी कंपनियां भी निर्माण में हिस्सा ले सकें. डिफेंस सेक्टर में पहले एफडीआई 49 परसेंट होता था जिसे बढ़ाकर सरकार ने 74 परसेंट कर दिया. इसी के साथ सरकार ने 310 वेपन और सिस्टम को नोटिफाई कर दिया जिसका आयात नहीं किया जा सकता. सरकार ने स्थानीय स्तर पर बनाए जाने वाले मिलिटरी हार्डवेयर के लिए अलग से बजट का प्रावधान किया है.

Share this story