Earth Hour 2023: भारत समेत दुनियाभर आज 1 घंटे तक अंधेरे में होगी, जानें क्या है अर्थ आवर डे

नासा के मुताबिक, क्षुद्र ग्रह भी सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करते हैं. कई बार ये एस्ट्रॉयड्स परिक्रमा लगाते हुए पृथ्वी के काफी करीब आ जाते हैं. नासा का कहना है कि बीते कुछ महीनों के दौरान कई उल्का पिंड धरती के काफी करीब से गुजरे हैं. उनकी ही तरह ये उल्का पिंड भी धरती के पास से गुजर जाएंगे. हालांकि, धरती के चारों ओर चक्कर लगाते उल्का पिंड हमारे ग्रह के लिए अंतरिक्ष से बरसने वाले सबसे बड़े खतरे हैं. हाल में वैज्ञानिकों ने धरती के चारों ओर उल्का पिंडों के घूमने से बने छल्लों को भी चिह्नित किया है.
नासा ने इस उल्का पिंड को 2023 डीज़ेड2 नाम दिया है. आज धरती के पास से गुजरने वाले उल्का पिंड का अध्ययन कर रही टीम ने एक ट्वीट किया है कि इसका व्यास यानी रेडियस 325 फीट है. इसे इतने बड़े आकार का उल्का पिंड माना जा रहा है, जो पृथ्वी से टकराने पर अमेरिका के किसी भी एक बड़े शहर को पूरी तरह से तबाह कर सकता है. वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस विशालकाय उल्का पिंड के धरती से टकराने की आशंका काफी कम है.
A newly discovered #asteroid named 2023 DZ2 will safely pass by Earth on Saturday at 100K+ miles away. 🌎
— NASA Asteroid Watch (@AsteroidWatch) March 21, 2023
While close approaches are a regular occurrence, one by an asteroid of this size (140-310 ft) happens only about once per decade, providing a unique opportunity for science.
उल्का पिंड का अध्ययन कर रही टीम अनुमान लगा रही है कि अगर 2023 डीजे़ड2 धरती से टकराता है तो कितना नुकसान पहुंचाएगा. लाइव साइंस की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर ये उल्का पिंड पृथ्वी से टकराया तो बड़ा नुकसान होगा. रिपोर्ट में बताया गया है कि रूस में साल 2013 के दौरान शेलिबिन्स्क नाम का उल्का पिंड आसमान में ही फटा गया था. इसके बावजूद उसने 7 हजार बिल्डिंग्स को भारी क्षति पहुंचाई थी. इस घटना में करीब 1500 लोग जख्मी हो गए थे. बता दें कि इस उल्का पिंड का व्यास सिर्फ 59 फीट था.
नासा के वैज्ञानिकों ने अभी कुछ समय पहले ही एस्ट्रॉयड्स के कारण पृथ्वी पर महाविनाश की चेतावनी भी जारी की थी. वैज्ञानिकों ने कहा था कि धरती पर अंतरिक्ष की चट्टानों के टकराने का खतरा मंडरा रहा है. ये खतरा पिछले कुछ समय में तीन गुना ज्यादा हो गया है. अगर ये चट्टानें पृथ्वी से टकराईं तो परमाणु बम के मुकाबले 10 गुना तबाही करेगी. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के मुताबिक, रिसर्च के दौरान उन्हें पता चला कि चट्टान की तरह दिखने वाले क्षुद्र ग्रह धरती से टकराकर बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं. गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के मुख्य वैज्ञानिक जेम्स गारविन ने कहा कि ऐसी अंतरिक्ष की चट्टानों का हमला 7 लाख साल में एक बार होता है. इससे हर बार धरती पर बड़ी तबाही मचती है.