आतंकवाद पर हमारा रुख कड़ा, इजरायल-हमास युद्ध पर UN में भारत के स्टैंड के बाद बोले एस जयशंकर
संवाददाता अंकित कुमार
भोपाल: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि अगर भारत दूसरे देशों पर असर डालने वाले आतंकवाद को गंभीर नहीं मानता, तो उसकी कोई विश्वसनीयता नहीं होती। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है, जब इजरायल-हमास के बीच युद्ध चल रहा है और भारत ने इजरायल में संघर्ष विराम पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव से खुद को अलग कर लिया है।
भारत ने आतंकी हमलों के लिए हमास की निंदा नहीं की है। जयशंकर ने कहा कि हम आतंकवाद पर कड़ा रुख अपनाते हैं, क्योंकि हम आतंकवाद के बड़े पीडि़त हैं। हमारी कोई विश्वसनीयता नहीं होगी, अगर हम ये कहें कि जब आतंकवाद हम पर प्रभाव डालता है, तो ये गंभीर है और जब ये किसी अन्य के साथ होता है तो ये गंभीर नहीं है। हमें एक सतत स्थिति बनाए रखने की जरूरत है।
जयशंकर ने भोपाल में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए उन्होंने भारत के विभिन्न विदेशी मामलों के रुख के बारे में बताया और कहा कि जिस तरह घर में सुशासन जरूरी है, उसी तरह विदेश में भी सही निर्णय जरूरी है। उन्होंने कहा कि मैं आपको यूक्रेन का उदाहरण दूंगा।
मुझे पता है कि इस बात पर बहुत ध्यान दिया गया था कि हमने रूस से तेल खरीदने के अपने अधिकार के बारे में कड़ा रुख अपनाया है, लेकिन मैं चाहता हूं कि आप सोचें, अगर हम दबाव के आगे झुक गए होते, अगर हमने यह विकल्प नहीं अपनाया होता, तो सोचिए कि पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत कितनी अधिक होती। सोचिए देश में कितनी ज्यादा महंगाई बढ़ गई होगी।