मुंबई में शास्त्रीय कला की नई पहल; स्पिक मैके करेगा 150 सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन

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मुंबई में शास्त्रीय कला की नई पहल; स्पिक मैके करेगा 150 सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन

Mumbai: मुंबई की भागदौड़ भरी ज़िंदगी के बीच अब शांति, साधना और शास्त्रीय सुरों की एक नई लहर बहने जा रही है। स्पिक मैके (सोसाइटी फॉर द प्रमोशन ऑफ इंडियन क्लासिकल म्यूजिक एंड कल्चर अमंगस्ट यूथ) मुंबई चैप्टर ने शहर के स्कूलों और कॉलेजों के लिए एक महत्वाकांक्षी सांस्कृतिक पहल की घोषणा की है, जिसके तहत जनवरी से मार्च 2026 के बीच लगभग 150 शास्त्रीय कला कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

इस पहल के सूत्रधार हैं स्पिक मैके के संस्थापक और पद्मश्री सम्मानित डॉ. किरण सेठ, जो हाल ही में मुंबई दौरे पर आए। उन्होंने युवाओं के मानसिक, भावनात्मक और बौद्धिक विकास में भारतीय शास्त्रीय संगीत, नृत्य और योग की भूमिका पर गहराई से प्रकाश डाला। उनके अनुसार, ये कलाएं केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि एकाग्रता, धैर्य और आत्म-अनुशासन विकसित करने का सशक्त माध्यम हैं।

नालंदा पब्लिक स्कूल, मुलुंड में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम और प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब पंडित सतीश व्यास, पंडित रोनू मजूमदार, उस्ताद कमाल साबरी और उस्ताद राजा मियां जैसे दिग्गज कलाकार एक मंच पर आए, तो यह दृश्य ही इस मिशन की गंभीरता और गरिमा को दर्शाने के लिए काफी था।

डॉ. सेठ ने IIT बॉम्बे, SBI पेमेंट्स, रोटरी क्लब और विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के साथ संवाद कर इस सांस्कृतिक आंदोलन को जमीनी स्तर तक पहुंचाने की रणनीति साझा की। नगर निगम, सहायता प्राप्त और निजी संस्थानों में होने वाले इन कार्यक्रमों में लेक्चर-डेमो, वर्कशॉप और लाइव कॉन्सर्ट शामिल होंगे।

मानसिक स्वास्थ्य पर चिंता जताते हुए डॉ. सेठ ने कहा कि आज के छात्र तनाव, चिंता और अवसाद से जूझ रहे हैं, और ऐसे में शास्त्रीय संगीत व योग उन्हें भीतर से सशक्त बना सकते हैं। यह पहल उनकी 2024 की 14,000 किलोमीटर लंबी अखिल भारतीय साइकिल यात्रा की भावना को भी आगे बढ़ाती है, जिसने संस्कृति, स्वास्थ्य और जिम्मेदार नागरिकता का संदेश दिया। स्पिक मैके मुंबई चैप्टर के इस प्रयास के ज़रिये शहर के हज़ारों छात्रों तक भारतीय सांस्कृतिक विरासत की गहराई, सौंदर्य और मूल्य पहुंचाने का सपना अब साकार होता नज़र आ रहा है।

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