Vishnu Avatar: भगवान विष्णु के 24 अवतार कौन से हैं, जानिए कौन थे उनके दशावतार
सनातन धर्म के ग्रंथों के अनुसार, ईश्वर ब्रह्मांड को त्रिमूर्ति (ब्रह्मा, विष्णु और महेश) के रूप में संचालित करते हैं. ब्रह्मांड के 14 लोकों में एक पृथ्वी है, जिसे मृत्युलोक कहा जाता है.
पृथ्वी थल, जल, वायु, आकाश व अग्नि आदि पंचतत्वों से युक्त है, यही हमारा संसार ( सृष्टि) है, साइंस में भी सृष्टि का तात्पर्य प्रकृति (Nature) से है. भगवद-गीता में लिखा है- महाभारत में अर्जुन को ज्ञान देते हुए श्रीकृष्ण ने कहा, ‘मैं ही ईश्वर हूं. मैं ब्रह्मांडीय व्यवस्था को बहाल करने के लिए अवतार लेता हूं’. सब प्राणी मुझ में हैं और मैं भी सब प्राणियों में हूं’. उन्होंने कहा था, ‘जब-जब धर्म (सत्य/अच्छाई) की हानि होती है…मैं विभिन्न प्राणियों की देह के रूप में स्वयं धरा पर उतरता हूं.’
श्रीमद्भागवत पुराण में भगवान के 22 अवतारों का वर्णन है, वहीं कुछ धर्मशास्त्रों में 24 अवतार भी बतलाए गए हैं. जिनमें से “दशावतार” (दस अवतार) प्रमुख हैं. गरुड़ पुराण में दशावतार का वर्णन है. वे हैं- मत्स्य, कूर्म, वराह, नरसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध और कल्कि अवतार.
भगवान विष्णु के 24 अवतार-
1- श्री सनकादि मुनि: सनक, सनन्दन, सनातन और सनत्कुमार नामक 4 कुमार, जो कि सृष्टि की रचना के लिए ब्रह्माजी से प्रकट हुए.
2- मत्स्यावतार
3- नारद मुनि: ब्रह्माजी के मानस पुत्र
4- नर-नारायण: ब्रह्मदेव के प्रपौत्र, धर्म और रुचि के जुड़वां पुत्र
5- कपिल मुनि
6- दत्तात्रेय: इनमें ‘त्रिदेव’ यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश का रूप मिलता है.
7- कूर्म (कछुआ): समुद्र मंथन कराने के लिए यह अवतार लिया.
8- धनवंतरि: समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश लेकर प्रकट हुए.
9- मोहिनी: समुद्र मंथन के बाद देवताओं को अमृत पिलाया.
10- यज्ञावतार
11- आदिराज पृथु
12- वराहवतार
13- नरसिंहावतार
14- हयग्रीव अवतार
15- वामन
16- श्री हरि
17- परशुराम
18- वेदव्यास
19- ऋषभदेव
20- हंसावतार
21- श्री राम
22- श्री कृष्ण: 16 कलाओं से युक्त, यही भगवान विष्णु के पूर्णावतार माने गए हैं.
23- बुद्ध अवतार
24- कल्कि अवतार: कलयुग के अंतिम चरण में धरती पर प्रकट होंगे.

