Janmashtami 2023: मथुरा में मची श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व की धूम, उमड़ा भक्तों का जनसैलाब

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Janmashtami 2023: मथुरा में मची श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व की धूम, उमड़ा भक्तों का जनसैलाब

Mathura: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। मथुरा से लेकर बरसाना एवं वृंदावन को सजाया गया है। श्रीकृष्ण जन्मभूमि में भक्तों की भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सख्त इंतजाम किया है।

किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचने के लिए मथुरा एवं वृंदावन को जोन और सेक्टर में बांटा गया है। मंगलवार को अफसरों ने कहा कि 7 सितंबर को जन्माष्टमी उत्सव के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए मथुरा एवं वृंदावन के मंदिरों में विस्तृत व्यवस्था की गई है।

मथुरा के जिला मजिस्ट्रेट शैलेन्द्र सिंह ने कहा, "सुरक्षा से समझौता किए बिना, भक्तों के लिए सरल दर्शन की सुविधा के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।" एक वरिष्ठ अफसर ने बताया कि कलेक्टर ने श्री कृष्ण जन्मस्थान पर की गई व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया तथा अफसरों को कुछ परिवर्तन करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि अफसरों से एक स्थान पर भक्तों की भीड़ जमा होने से बचने को भी कहा गया है। अफसर ने बताया, चेन स्नैचिंग एवं जेब कटने आदि की घटनाओं से बचने के लिए मंदिरों के अंदर सादे कपड़ों में पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे।

ADM विजय शंकर पांडेय ने कहा कि पिछले वर्ष बांके बिहारी मंदिर में भीड़भाड़ के कारण दो भक्तों की मौत हो गई थी। ऐसी घटनाओं से बचने के लिए इस बार मंदिर क्षेत्र में एक जोन और 7 सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं।

ADM विजय शंकर पांडेय ने बताया कि मथुरा को तीन जोन तथा 17 सेक्टर में बांटा गया है जबकि वृन्दावन को तीन जोन और 16 सेक्टर में बांटा गया है। मथुरा नगर निगम के कमिश्नर ने कहा कि 7-8 सितंबर को जन्माष्टमी मनाई जाएगी। हम मथुरा एवं वृंदावन की सजावट तथा सौंदर्यीकरण की देखभाल कर रहे हैं।

हमने मोबाइल टॉयलेट्स की व्यवस्था भी की है तथा यह स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए 500 कर्मचारी तैनात किए गए हैं। प्रभु श्री कृष्ण की पोशाक मथुरा जेल के कैदी ही बनाते रहे हैं। इस बार भी कैदियों ने ही जेल में बांके बिहारी की पोशाक बनाई है। कान्हा को पहनाई जाने वाली पोशाक में जमादार घाघरा यानी लहंगा, पिछवाई यानी इकलाई, ओढ़नी यानी फरिया, नीचे का बिछौना, कमरबंद, चोटिला और श्री जी का लहंगा और पाग सम्मिलित है। इसके अतिरिक्त श्रीअंग के गहने आभूषण, मुकुट, टिपारे, मोरपखा तथा लकुटी बंसी आदि अलग श्रृंगार होते हैं।

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