Bandhavgarh tiger reserve: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में जख्मी हालत में मिली बाघिन, इलाज के बाद मौत

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Bandhavgarh tiger reserve: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में जख्मी हालत में मिली बाघिन, इलाज के बाद मौत

संवाददाता, अंकित कुमार

Umaria: मध्य प्रदेश उमरिया जिले का बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व एक बार फिर चर्चा में है। रिजर्व क्षेत्र में एक और बाघिन की मौत हो गई है। मानपुर रेंजर मुकेश अहिरवार के अनुसार मिली जानकारी की एक बाघिन देवरी बीट के मढ़ऊ गांव के पास बैठी है।

 जानकारी मिलने पर वे अपनी टीम के साथ तत्काल वहां पहुंचे। वहां पर देखा कि एक बाघिन घायल अवस्था में पड़ी है। जो सामान्य व्यवहार नहीं कर रही थी। उन्होंने इसकी जानकारी तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को दी। वरिष्ठ अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंचे और उनकी मौजूदगी में बाघिन का रेस्क्यू किया।

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के सहायक पशु चिकित्सक शल्यज्ञ ने तत्काल उसका उपचार शुरू किया, लेकिन 2 घंटे के बाद उसकी मौत हो गई। अधिकारियों ने बाघिन की मौत का शुरुआती कारण उसके शरीर में चोट लगना बताया है। उन्होंने कहा कि मौत की सही जानकारी पीएम रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगी। वन विभाग ने एनटीसीए की गाइडलाइन के अनुसार अंतिम संस्कार किया।

प्रबंधक पर यह उठता है कि पार्क बन्द होने के बाद बफर जोन सैलानियों के लिए खुला हुआ है। और लगातार पेट्रोलिंग के बावजूद भी बाघिन कैसे घायल हो गई। और कितने दिनों से बाघिन घायल थी। क्या किसी को इस बात का पता नहीं चल सका। जब बाघिन अंतिम टाइम मे गांव के पास आकर बैठ गई तब उपचार की औपचारिकता शुरू कि गई। उपचार के 2 घंटे बाद ही उसकी मौत हो गई। इससे संदेह पैदा होता है कि पेट्रोलिंग की व्यवस्था कागजों तक ही सीमित है। इस घटना में उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके।

अभ्यारण्य में प्रबंधन का कहना था कि N-2 और N-3 बाघों के बीच टेरिटरी को लेकर संघर्ष हुआ था। जिसमें बाघ किशन गंभीर रूप से घायल हो गया था जिसकी उपचार के दौरान मौत हो गई थी।

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