ज्ञानवापी मामले में बिना औपचारिक सूचना के मीडिया कवरेज पर रोक, जानें कोर्ट ने क्या दिया आदेश

ज्ञानवापी मामले में बिना औपचारिक सूचना के मीडिया कवरेज पर रोक, जानें कोर्ट ने क्या दिया आदेश

Varanasi: ज्ञानवापी प्रकरण में मुस्लिम पक्ष की मीडिया कवरेज पर रोक लगाई जाने की अर्जी पर सुनवाई करते हुए जिला जज की अदालत का गुरुवार को आदेश आ गया। अदालत द्वारा कहा गया कि असी सर्वे के दौरान बिना औपचारिक सूचना के मीडिया कवरेज नहीं होनी चाहिए।

आदेश में अभी कहा गया है कि ज्ञानवापी परिसर में किया जा रहे एएसआई सर्वे की टीम के साथ ही वादी प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ता या अन्य कोई भी संबंधित व्यक्ति कोई टिप्पणी नहीं करेगा और न ही मीडिया को कोई सूचना देगा। सर्वे करने के बाद रिपोर्ट केवल न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जा सकता है।

अदालत ने अपने आदेश में अभी कहा है कि जानकारी न दिए जाने के बावजूद भी यदि कोई व्यक्ति प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया या सोशल मीडिया पर गलत तरीके से समाचार प्रकाशित किया जाता है तो उसके खिलाफ विधि अनुसार आवश्यक कार्रवाई भी की जा सकती है.

दरअसल, ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर किए जा रहे मीडिया कवरेज के संबंध में अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी द्वारा अदालत में प्रार्थनापत्र देकर ज्ञानवापी सर्वे के संबंध में मीडिया कवरेज पर रोक लगाने की मांग की गई थी.

मसाजिद कमेटी के लोगों का कहना था कि वर्तमान समय में ज्ञानवापी परिसर में सर्वे चल रहा है और मीडिया द्वारा विपरीत रिपोर्टिंग की जा रही है। यह भी कहा गया था कि सर्वे से जुड़े लोगों से बातचीत कर मीडिया द्वारा विपरीत रिपोर्टिंग किया जाना न्याय संगत नहीं है।

इस मामले में मुस्लिम पक्ष की अर्जी पर सुनवाई करते हुए जिला अदालत द्वारा बुधवार को आदेश सुरक्षित रख लिया गया था। गुरुवार को जिला जज डॉक्टर अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत द्वारा यह आदेश सुनाया गया कि मामले में बिना किसी औपचारिक सूचना के मीडिया द्वारा कवरेज नहीं किया जाएगा।

इसके अलावा पुलिस कमिश्नर अशोक मुथा जैन ने इस मामले में सोशल मीडिया पर विशेष निगरानी रखने को कहा है। अशोक मुथा जैन ने कहा कि अगर किसी विशेष धर्म या समुदाय के लोग किसी भी तरह की अफवाह फैलाते नजर आएंगे तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

 

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