MP News: मध्य प्रदेश के15 कलेक्टरों को आज दिल्ली में राष्ट्रपति मुर्मू करेंगी सम्मानित, राजस्व विभाग को मिलेगा प्लेटिनम प्रमाण पत्र

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MP News: मध्य प्रदेश के15 कलेक्टरों को आज दिल्ली में राष्ट्रपति मुर्मू करेंगी सम्मानित, राजस्व विभाग को मिलेगा प्लेटिनम प्रमाण पत्र

संवाददाता, अंकित कुमार

MP: भारत की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू देश के 75 जिलों के कलेक्टरों के साथ मध्य प्रदेश के 15 जिलों के कलेक्टरों को नई दिल्ली में आज भूमि सम्मान से सम्मानित करेंगी इन कलेक्टर को डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड्स मॉर्डनाईनेशन प्रोग्राम में बेस्ट परफॉर्मेंस के लिए सम्मानित किया जाएगा।

पिछले सालों में राजस्व विभाग की व्यवस्थाओं के अपडेशन को लेकर किए गए अच्छे कार्यों के चलते इन छोटे बड़े जिलों के कलेक्टरों का सम्मान आज राष्ट्रपति द्वारा किया जाएगा। जिन जिलों के कलेक्टरों को 18 जुलाई को राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू सम्मानित करेंगे उनमें हरदा, खरगोन, अलीराजपुर, गुना, आगर-मालवा, उमरिया, नीमच, टीकमगढ़, उज्जैन, इंदौर, विदिशा, सिंगरौली, सीधी, भोपाल और अनूपपुर जिले शामिल है।

नई दिल्ली के विज्ञान भवन में इन जिलों के कलेक्टरों को डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड्स मोर्डनाइजेशन प्रोग्राम के अंतर्गत सराहनीय कार्य के लिए सम्मानित किया जाएगा। देशभर के 75 जिलों के कलेक्टरों को इस कार्यक्रम के अंतर्गत सम्मानित किया जाना है जिसमें मध्य प्रदेश के 15 जिलों के कलेक्टर शामिल है इन सभी कलेक्टरों को भूमि सम्मान प्लेटिनम प्रमाण पत्र से सम्मानित किया जाएगा हरदा कलेक्टर ऋषि गर्ग भी इसी सम्मान के लिए 18 जुलाई को दिल्ली में रहेंगे।

मध्य प्रदेश का हरदा जिला केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई स्वामित्व योजना के क्रियान्वयन के टॉप परफॉर्मर्स जिलों में शामिल रहा है। हरदा पहला ऐसा जिला है जहां आबादी की भूमि पर बसे लोगों को स्वामित्व योजना के अंतर्गत पट्टे बांटने का काम 100 प्रतिशत पूरा किया गया है इसको लेकर कई बार केंद्र सरकार द्वारा हरदा जिले के अफसरों का सम्मान भी किया जा चुका है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपने उद्बोधन में हरदा जिले के अफसरों के काम की प्रशंसा कर चुके हैं।

केंद्र सरकार द्वारा कराए जा रहे कामों पर हमले के लिए किए गए अच्छे परफॉर्मेंस का असर यह होगा कि भूमि रिकॉर्ड और पंजीकरण की डिजिटलीकरण प्रक्रिया पूरी होने से भूमि विवादों से जुड़े लंबित अदालती मामलों को कम किया जा सकेगा। भूमि विवाद से जुड़े मुकदमे के कारण रुकी हुई परियोजना की वजह से देश और प्रदेश की अर्थव्यवस्था के सकल घरेलू उत्पाद में होने वाले नुकसान में भी कमी आएगी। इसलिए कहा जा रहा है कि भूमि सम्मान योजना विश्वास और साझेदारी पर आधारित केंद्र राज्य सहकारी संघवाद का एक अच्छा उदाहरण है।

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